N. R. नारायण मूर्ति की पत्नी kon hai – Sudha Murty: कौन हैं सुधा मूर्ति – जीवन परिचय

🧭 अनुक्रमणिका
- प्रस्तावना
- प्रारंभिक जीवन और परिवार
- शिक्षा और शुरुआती संघर्ष
- टाटा मोटर्स में पहली महिला इंजीनियर
- नारायण मूर्ति से विवाह और इंफोसिस की कहानी
- लेखन का सफर और प्रमुख पुस्तकें
- समाज सेवा और इंफोसिस फाउंडेशन
- सम्मान और पुरस्कार
- सुधा मूर्ति की बेटी – अक्षता मूर्ति
- विचारधारा और जीवन दर्शन
- निष्कर्ष
1. 📖 प्रस्तावना
जब भी भारत की प्रेरणादायक महिलाओं की बात होती है, तो सुधा मूर्ति का नाम विशेष रूप से लिया जाता है। वे केवल Infosys के सह-संस्थापक N. R. नारायण मूर्ति की पत्नी नहीं, बल्कि स्वयं में एक प्रतिष्ठित लेखिका, समाजसेवी और पहली महिला इंजीनियर हैं।
उनका जीवन साहस, संघर्ष और सेवा का परिचायक है। यह लेख उनके जीवन, शिक्षा, करियर, पारिवारिक संबंधों और समाज में योगदान की समग्र झलक प्रस्तुत करता है।
2. 👨👩👧👦 प्रारंभिक जीवन और परिवार
सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को कर्नाटक के हावेरी जिले के एक छोटे से गांव शीग्गाँव में हुआ था। उनका पूरा नाम सुधा कुलकर्णी मूर्ति है।
परिवार:
- पिता: डॉ. आर.एच. कुलकर्णी – एक प्रसिद्ध सर्जन
- माता: विमला कुलकर्णी – एक स्कूल शिक्षिका
- दो भाई-बहनों में वे सबसे बड़ी थीं।
उनका बचपन मराठी-कन्नड़ सांस्कृतिक वातावरण में बीता। किताबों से उनका प्रेम बचपन से था और मां ने पढ़ने की प्रेरणा दी।
3. 🎓 शिक्षा और शुरुआती संघर्ष
सुधा मूर्ति ने विज्ञान विषय में रुचि दिखाई और उन्होंने B.V.B. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, हुबली से बी.ई. (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) किया।
- वे कॉलेज की पहली महिला छात्रा थीं।
- यूनिवर्सिटी टॉपर रहीं और गोल्ड मेडल हासिल किया।
इसके बाद उन्होंने IISc बेंगलुरु (Indian Institute of Science) से M.E. (Computer Science) की पढ़ाई पूरी की और वहां भी सर्वश्रेष्ठ छात्रा चुनी गईं।
4. 👩🔧 टाटा मोटर्स में पहली महिला इंजीनियर
M.E. पूरी करने के बाद सुधा ने टाटा मोटर्स (TELCO) में नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन महिलाओं को उस समय भर्ती नहीं किया जाता था।
उन्होंने एक ऐतिहासिक कदम उठाया:
- उन्होंने जे.आर.डी. टाटा को पत्र लिखा जिसमें लैंगिक भेदभाव का उल्लेख किया।
- पत्र से प्रभावित होकर उन्हें इंटरव्यू में बुलाया गया।
- वे TELCO की पहली महिला इंजीनियर बनीं।
यह घटना भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास में मील का पत्थर है।
5. 💑 नारायण मूर्ति से विवाह और इंफोसिस की कहानी
सुधा और नारायण मूर्ति की मुलाकात IISc के दिनों में हुई थी। दोनों में वैचारिक सामंजस्य था।
- 1978 में उन्होंने विवाह किया।
- 1981 में नारायण मूर्ति ने इंफोसिस की स्थापना की।
- उस समय सुधा ने उन्हें ₹10,000 की शुरुआती पूंजी दी – जो उनकी बचत थी।
परिवार:
- बेटी: अक्षता मूर्ति (विवाहित ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से)
- बेटा: रोहन मूर्ति (कंप्यूटर वैज्ञानिक)
उन्होंने बच्चों की परवरिश के लिए करियर को धीमा कर समाज सेवा और लेखन को प्राथमिकता दी।
6. ✍️ लेखन का सफर और प्रमुख पुस्तकें
लेखन की शुरुआत:
- उन्होंने लेखन की शुरुआत कन्नड़ भाषा से की।
- बाद में अंग्रेजी, हिंदी, मराठी में भी लिखा।
प्रमुख पुस्तकें:
कृति का नाम | भाषा | विषय |
---|---|---|
Wise and Otherwise | English | अनुभवों पर आधारित |
Dollar Bahu | कन्नड़/अंग्रेज़ी | प्रवासी जीवन |
Mahashweta | हिंदी/अंग्रेज़ी | सामाजिक भेदभाव |
Three Thousand Stitches | English | समाज सेवा पर |
How I Taught My Grandmother to Read | English | प्रेरक बाल कहानियाँ |
लेखन की विशेषताएँ:
- सरल भाषा, गहरा संदेश
- आम लोगों की असाधारण कहानियाँ
- बच्चों के लिए प्रेरक साहित्य
7. 🌱 समाज सेवा और इंफोसिस फाउंडेशन
सुधा मूर्ति ने Infosys Foundation की स्थापना की और वे वर्षों तक इसकी अध्यक्ष रहीं।
प्रमुख क्षेत्रों में योगदान:
- ग्रामीण स्कूलों का निर्माण
- पुस्तकालयों की स्थापना
- अस्पतालों और अनाथालयों को सहयोग
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
- आपदा राहत कार्यों में सक्रिय सहयोग (भूकंप, बाढ़ आदि)
वे खुद गांवों में जाकर स्थिति का मूल्यांकन करती थीं और राहत कार्यों में सीधी भागीदारी निभाती थीं।
8. 🏆 सम्मान और पुरस्कार
वर्ष | पुरस्कार |
---|---|
2006 | पद्म श्री (साहित्य और शिक्षा) |
2023 | पद्म भूषण (सामाजिक कार्य) |
2011 | क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मेरिट (जर्मनी) |
2013 | आर.के. नारायण पुरस्कार |
कई | डॉक्टरेट की मानद उपाधियाँ (कई विश्वविद्यालयों से) |
9. 👩👧👦 सुधा मूर्ति की बेटी – अक्षता मूर्ति
- अक्षता मूर्ति ने फैशन डिजाइन और बिज़नेस की पढ़ाई की है।
- वे ऋषि सुनक की पत्नी हैं, जो 2022 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने।
- अक्षता मूर्ति इंफोसिस की शेयरहोल्डर भी हैं और एक उद्यमी हैं।
इस कारण सुधा मूर्ति भारत की पहली ऐसी महिला बनीं जो किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की सास बनीं।
10. 🧠 विचारधारा और जीवन दर्शन
उनके कुछ प्रसिद्ध विचार:
- “आप कितने पैसे कमाते हैं, ये मायने नहीं रखता; आप उस पैसे का क्या करते हैं, यह असली मूल्य दर्शाता है।”
- “सादगी में ही सच्चा सौंदर्य है।”
- “सच्ची सेवा वही है जो आप खुद अपने हाथों से करें।”
वे हमेशा बच्चों, महिलाओं और वंचितों के अधिकारों और शिक्षा को प्राथमिकता देती हैं।
11. 🔚 निष्कर्ष
सुधा मूर्ति केवल Infosys के मालिक की पत्नी नहीं हैं, वे स्वयं में एक प्रेरणा, शक्ति और सेवा की मूर्ति हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि एक महिला कैसे एक साथ लेखिका, इंजीनियर, समाजसेवी, मां, और मार्गदर्शक बन सकती है।
उनकी सादगी, उनके विचार, और उनके कार्य आज भी लाखों युवाओं को प्रेरणा देते हैं।