कृषि ड्रोन सब्सिडी योजना 2025: किसानों के लिए आधुनिक तकनीक की नई उड़ान

भारत सरकार ने खेती को आधुनिक बनाने और किसानों की उपज को बढ़ाने के लिए “कृषि ड्रोन सब्सिडी योजना 2025” की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों को ग्रामीण क्षेत्रों में लाना और कृषि कार्यों को आसान, सटीक एवं लागत-कम बनाना है। इस लेख में हम इस योजना के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. कृषि ड्रोन सब्सिडी योजना क्या है?
यह योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत किसानों को ड्रोन खरीदने पर 40% से लेकर 100% तक की सब्सिडी दी जाती है। ड्रोन का उपयोग कीटनाशक छिड़काव, उर्वरक वितरण, फसल सर्वेक्षण, और भूमि मानचित्रण जैसे कार्यों के लिए किया जा सकता है।
2. योजना का उद्देश्य
- किसानों की कार्य दक्षता बढ़ाना
- कृषि लागत में कमी लाना
- सटीक खेती (Precision Farming) को बढ़ावा देना
- कीटनाशक और उर्वरक की बचत
- खेती में आधुनिक तकनीकों का समावेश
3. ड्रोन का कृषि में उपयोग
- कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव
- फसल स्वास्थ्य की निगरानी
- भूमि और फसल सर्वेक्षण
- बीज वितरण
- डिजिटल मैपिंग और रिपोर्टिंग
4. योजना के अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी
लाभार्थी | सब्सिडी प्रतिशत | अधिकतम सब्सिडी राशि |
---|---|---|
व्यक्तिगत किसान | 40% | ₹4 लाख तक |
FPO (Farmer Producer Organization) | 75% | ₹7.5 लाख तक |
कृषि संस्थान / IARI | 100% | ₹10 लाख तक |
कस्टम हायरिंग सेंटर | 50% | ₹5 लाख तक |
5. पात्रता (Eligibility)
- भारत का नागरिक हो
- किसान पंजीकृत होना चाहिए
- वैध भूमि स्वामित्व दस्तावेज होने चाहिए
- FPO के लिए वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र जरूरी
6. आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन:
- कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं (agriculture[dot]gov[dot]in या राज्य कृषि पोर्टल)
- “कृषि ड्रोन सब्सिडी योजना” सेक्शन पर क्लिक करें
- नए आवेदनकर्ता के रूप में पंजीकरण करें
- आवेदन फॉर्म भरें
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
- फॉर्म सबमिट करें और रसीद प्रिंट करें
ऑफलाइन आवेदन:
- नजदीकी कृषि कार्यालय, CSC केंद्र या FPO के माध्यम से
7. आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- भूमि का प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
- किसान पंजीकरण प्रमाणपत्र (यदि है)
- ड्रोन विक्रेता का कोटेशन
8. लाभ (Benefits)
- कम समय में ज्यादा क्षेत्र में छिड़काव संभव
- 20-30% कीटनाशक की बचत
- श्रम की लागत में भारी कमी
- स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं (क्योंकि छिड़काव दूर से होता है)
- खेती का डिजिटल डेटा तैयार करना संभव
9. ड्रोन खरीदने के लिए प्रमाणित विक्रेताओं की सूची
सरकार केवल DGCA प्रमाणित विक्रेताओं से खरीदी को मान्यता देती है। कुछ प्रमुख नाम:
- Garuda Aerospace
- IoTechWorld Avigation
- Marut Drones
- General Aeronautics
- AgniKul Cosmos (रजिस्टर्ड)
10. योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण
किसानों को ड्रोन ऑपरेट करने के लिए सरकार द्वारा प्रमाणित संस्थानों से प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण की अवधि 5 से 10 दिन की होती है, जिसमें:
- ड्रोन ऑपरेशन
- सुरक्षा मानक
- रख-रखाव
- कानून और नियमों की जानकारी दी जाती है।
11. योजना से जुड़ी कुछ राज्य विशेष योजनाएँ
- महाराष्ट्र: अलग से ड्रोन किराया योजना शुरू
- पंजाब: किसानों के लिए ड्रोन बैंक
- उत्तर प्रदेश: FPO को प्राथमिकता में सब्सिडी
12. योजना से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ)
Q1. क्या एक किसान दो ड्रोन पर सब्सिडी ले सकता है? A. नहीं, एक किसान केवल एक बार ही इस योजना का लाभ ले सकता है।
Q2. क्या योजना सभी राज्यों में लागू है? A. हाँ, लेकिन राज्य अनुसार कार्यान्वयन अलग हो सकता है।
Q3. सब्सिडी मिलने में कितना समय लगता है? A. आवेदन के 30-60 दिनों के भीतर राशि ट्रांसफर हो जाती है।
Q4. ड्रोन ऑपरेट करने के लिए लाइसेंस चाहिए क्या? A. हाँ, DGCA से प्रमाणन आवश्यक होता है।
13. सफल किसानों की कहानियाँ
केस स्टडी 1: हरियाणा के राकेश कुमार
- पहले हाथ से छिड़काव करते थे, 10 एकड़ में 3 दिन लगते थे। अब ड्रोन से 1 घंटे में पूरा होता है।
केस स्टडी 2: महाराष्ट्र की रेखा पाटिल (FPO अध्यक्ष)
- FPO ने 75% सब्सिडी में ड्रोन खरीदा, अब गाँव के किसानों को किराए पर सेवा दे रहे हैं। महीने में ₹40,000 की कमाई हो रही है।
14. योजना से संबंधित चुनौतियाँ
- तकनीकी जानकारी की कमी
- ड्रोन की कीमतें अभी भी अधिक
- DGCA प्रमाणन प्रक्रिया जटिल
- ग्रामीण इलाकों में प्रशिक्षण की कमी
15. सरकार के प्रयास और समाधान
- प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही
- ड्रोन किराया मॉडल को बढ़ावा
- डिजिटल हेल्पलाइन और वीडियो ट्यूटोरियल्स
- मोबाइल ऐप के माध्यम से आवेदन और निगरानी
निष्कर्ष
कृषि ड्रोन सब्सिडी योजना 2025 किसानों को आधुनिक कृषि की ओर ले जाने वाला एक क्रांतिकारी कदम है। इससे किसानों की लागत कम होगी, उपज बढ़ेगी और खेती में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल भी बढ़ेगा। सरकार के सहयोग से अब हर किसान इस आधुनिक यंत्र का लाभ उठा सकता है।
अगर आप किसान हैं, तो इस योजना का लाभ उठाइए और खेती में तकनीक की उड़ान भरिए।