केदारनाथ दर्शन को निकले थे पूरे परिवार संग, लौटेंगे अब तीन। हेलीकॉप्टर हादसे ने छीन लिए नानी और नातिन

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kedarnath helicopter crash

उत्तर प्रदेश के बिजनौर से केदारनाथ दर्शन के लिए निकले पांच लोगों का सफर कभी ना भूलने वाली त्रासदी में बदल गया। गौरीकुंड के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे ने परिवार की नानी और नातिन को हमेशा के लिए छीन लिया। 13 जून को श्रद्धाभाव से शुरू हुई ये तीर्थयात्रा अचानक एक दिल दहला देने वाली घटना बन गई, जब खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। अब इस परिवार के सिर्फ तीन सदस्य ही वापस लौट पाएंगे, जबकि दो की यादें हमेशा के लिए दिल में रह जाएंगी।

केदारनाथ यात्रा पर गए परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, हेलीकॉप्टर हादसे में नानी और नातिन की दर्दनाक मौत

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से केदारनाथ दर्शन के लिए गए एक ही परिवार की दो महिलाओं की जिंदगी एक भयानक हादसे में खत्म हो गई। रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार सुबह एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से बिजनौर निवासी 66 वर्षीय विनोद देवी और उनकी नातिन तुष्टि की मौके पर ही मौत हो गई।

यह हेलीकॉप्टर सात श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी लौट रहा था, लेकिन खराब मौसम के चलते उड़ान के दौरान वह गौरीकुंड के पास क्रैश हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही मृतकों के परिजन गहरे सदमे में डूब गए और तुरंत केदारनाथ के लिए रवाना हो गए। पूरे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है, और पूरे क्षेत्र में मातम छा गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिजनौर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मपाल सिंह अपनी पत्नी विनोद देवी, पोते ईशान, नाती गौरांश और नातिन तुष्टि के साथ 13 जून को केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकले थे। सभी ने नगीना से एकसाथ कार द्वारा गुप्तकाशी तक का सफर तय किया, जहां से उन्होंने हेलीकॉप्टर के जरिए केदारनाथ धाम की ओर उड़ान भरी। दर्शन के बाद 14 जून की शाम को सभी को वापस हेलीकॉप्टर से गुप्तकाशी लौटना था, लेकिन यह पावन यात्रा एक हृदयविदारक हादसे में तब्दील हो गई।

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में नानी और नातिन की जान चली गई, जबकि बाकी तीन सदस्य किसी तरह बाल-बाल बच गए। यह घटना न केवल उस परिवार के लिए, बल्कि पूरे बिजनौर जिले के लिए गहरे शोक का कारण बन गई है।

..लेकिन किसे पता था कि यह आध्यात्मिक यात्रा दर्द और बिछड़ने की एक दिल दहला देने वाली कहानी बन जाएगी।

केदारनाथ दर्शन कर लौटते वक्त जब हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि कुछ ही पलों में जीवन की दिशा ही बदल जाएगी। जैसे ही हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास पहुंचा, अचानक मौसम ने करवट ले ली। तेज़ धुंध और खराब दृश्यता के चलते हेलीकॉप्टर ने संतुलन खो दिया और पहाड़ी क्षेत्र में जा टकराया। देखते ही देखते चीख-पुकार और मलबे का मंजर बन गया।

रविवार तड़के हुई इस दुर्घटना की खबर जैसे ही बिजनौर में परिवार तक पहुंची, वहां कोहराम मच गया। धर्मपाल सिंह के घर पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ जुट गई। हर कोई सदमे में था — कोई विश्वास नहीं कर पा रहा था कि जो परिवार कल तक खुशी-खुशी यात्रा पर गया था, अब अपनों की मौत की खबर के साथ लौटेगा।

परिजन अब केदारनाथ पहुंचने की कोशिश में हैं ताकि अंतिम दर्शन कर सकें और आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर सकें। प्रशासन की ओर से राहत और रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया गया है, और मृतकों के पार्थिव शरीरों को गुप्तकाशी लाया जा रहा है।

इस दुखद हादसे में बच गए अन्य तीन सदस्य – धर्मपाल सिंह, उनका पोता ईशान और नाती गौरांश – गहरे मानसिक आघात में हैं। उन्हें अभी तक विश्वास नहीं हो रहा कि उनकी माँ और बहन इस दुनिया में नहीं रहीं। हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और हेलीकॉप्टर सेवा कंपनी द्वारा उन्हें तत्काल चिकित्सा और मानसिक परामर्श उपलब्ध कराया गया है।

इस त्रासदी ने एक बार फिर पहाड़ों में हवाई यात्रा की चुनौतियों और मौसम की अनिश्चितता की गंभीरता को उजागर कर दिया है। स्थानीय लोगों और यात्रियों ने प्रशासन से मांग की है कि खराब मौसम में उड़ानों पर और कड़ी निगरानी और नियंत्रण हो ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।

बिजनौर में विनोद देवी और तुष्टि को जानने वालों के बीच शोक की लहर है। मोहल्ले में हर किसी की आंखें नम हैं। पड़ोसियों का कहना है कि विनोद देवी एक धार्मिक और विनम्र स्वभाव की महिला थीं और तुष्टि बेहद होनहार और संस्कारी बच्ची थी। दोनों की असामयिक मृत्यु से पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया है।

प्रशासन और हेलीकॉप्टर सेवा कंपनी की प्रतिक्रिया

इस दुखद हादसे के बाद उत्तराखंड प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए। रुद्रप्रयाग जिले के अधिकारी मौके पर पहुंचे और हेलीकॉप्टर सेवा कंपनी के साथ मिलकर घटनास्थल पर राहत कार्यों की निगरानी की। प्रशासन ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग ने बयान जारी कर कहा कि, “खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर को दृश्यता संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे यह दुर्घटना हुई। हम मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”

वहीं हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह हमारे लिए बेहद दुखद घटना है। हमने अपने अनुभवी पायलट और श्रद्धालु यात्रियों को खो दिया। हम पूरी तरह से जांच में सहयोग करेंगे और मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान करेंगे।”


बिजनौर में छाया मातम, लोग कर रहे नम आंखों से विदाई

बिजनौर में विनोद देवी और तुष्टि की मौत की खबर जैसे ही फैली, पूरा मोहल्ला स्तब्ध रह गया। परिवार के घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। हर कोई यह कहता नजर आया कि यह यात्रा कभी इतनी दुखद बन जाएगी, किसी ने सोचा भी नहीं था।

विनोद देवी को मोहल्ले की महिलाएं बेहद धार्मिक और दयालु स्वभाव की बताती हैं, वहीं तुष्टि को एक होनहार और संस्कारी बच्ची के रूप में याद किया जा रहा है। पड़ोसी और रिश्तेदारों की आंखें नम हैं और सभी एक ही बात कह रहे हैं – “भगवान किसी को भी ऐसा दिन न दिखाए।”

स्थानीय समाजसेवी संस्थाओं और वकील संघ के सदस्यों ने भी धर्मपाल सिंह के घर पहुंचकर शोक व्यक्त किया और प्रशासन से मांग की कि मृतकों के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द बिजनौर लाया जाए ताकि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सम्मानपूर्वक पूरी हो सके।


श्रद्धांजलि संदेश

  • बिजनौर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, “धर्मपाल सिंह हमारे वरिष्ठ सदस्य हैं। उनकी पत्नी और नातिन की असामयिक मृत्यु से हम सब बेहद दुखी हैं। यह व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे समाज का नुकसान है।”
  • स्थानीय विधायक ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि “सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद दी जाएगी।”
  • जिला अधिकारी, बिजनौर ने भी संवेदना प्रकट की और कहा कि “राज्य प्रशासन के संपर्क में रहकर पीड़ित परिवार को राहत पहुंचाई जा रही है।”

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अब बस यादें शेष हैं…

तीर्थयात्रा पर निकला एक सजीव और प्रेमपूर्ण परिवार अब बिछड़ चुका है। नानी और नातिन की चिर विदाई ने सबको झकझोर कर रख दिया है। बाकी तीन सदस्य – धर्मपाल सिंह, गौरांश और ईशान – अब केवल यादों के सहारे लौट रहे हैं। इस दुखद घटना ने एक बार फिर जीवन की नाजुकता का एहसास करा दिया है।

संवेदना संदेश

हम प्रचार प्रसारण टीम की ओर से दिवंगत विनोद देवी और मासूम तुष्टि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह इन पवित्र आत्माओं को अपने चरणों में स्थान दें और शोकसंतप्त परिवार को यह अपार दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।


लेखक की टिप्पणी

जीवन बेहद अनिश्चित है — खासकर जब कोई व्यक्ति श्रद्धा और आस्था के साथ देवभूमि की यात्रा पर निकले और रास्ते में काल उसका इंतजार कर रहा हो। यह हादसा केवल दो जिंदगियों का अंत नहीं था, बल्कि एक पूरे परिवार के सपनों और खुशियों पर लगा गहरा आघात था।

जहां एक ओर केदारनाथ जैसी पवित्र यात्रा आत्मिक शांति देने वाली मानी जाती है, वहीं ऐसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि सावधानी और सुरक्षा व्यवस्थाएं कितनी जरूरी हैं। मौसम की सटीक जानकारी, उड़ानों पर कड़ी निगरानी और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना अब केवल आवश्यकता नहीं, जिम्मेदारी बन चुकी है।

हम दुआ करते हैं कि ऐसा दर्द किसी और परिवार को न झेलना पड़े। श्रद्धांजलि उन सभी को, जो इस हादसे में हमसे हमेशा के लिए विदा हो गए।

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