जडेजा की गेंद पर बोल्ड हुए, बुमराह ने उन्हें…: करुण नायर ने आखिरी समय में चिंता बढ़ाई, कोच ने अलग ले जाकर की संक्षिप्त बातचीत

खाली पड़े नंबर 3 स्थान को लेकर मुकाबला तेज हो गया है, और वापसी कर रहे करुण नायर इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से लीड्स में शुरू होने वाले पहले मुकाबले में यह स्थान हासिल कर सकते हैं। लेकिन इस बड़े मैच से पहले, जो उन्हें आठ साल बाद एक बार फिर भारत की प्लेइंग इलेवन में वापसी का मौका दे सकता है, नायर को हेडिंग्ले टेस्ट से पहले दूसरे अंतिम नेट सेशन के दौरान काफी असहज देखा गया।
करुण नायर को लंबे समय से प्रतीक्षित वापसी उनके रिकॉर्डतोड़ घरेलू सीज़न के बाद मिली, जहां उन्होंने रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी दोनों में रनों का अंबार लगाया। इसके बाद उन्होंने इंडिया ए के लिए खेलते हुए दोहरा शतक जड़कर चयनकर्ताओं के विश्वास को सही ठहराया और भारत की बल्लेबाज़ी लाइन-अप में साई सुदर्शन के मुकाबले उन्हें बढ़त दिलाई।
हालांकि, हेडिंग्ले स्टेडियम में टेस्ट सीरीज़ से पहले भारत के दूसरे अंतिम प्रशिक्षण सत्र को लेकर RevSportz की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 33 वर्षीय करुण नायर बुधवार को अपनी सर्वश्रेष्ठ लय में नहीं दिखे। न तो वे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे तेज़ गेंदबाज़ों के सामने आत्मविश्वास से भरे नजर आए, जिन्होंने ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों से उन्हें काफी परेशान किया, और न ही वे स्पिनरों के खिलाफ जम सके, जिन्होंने अंततः उन्हें कुछ असामान्य शॉट खेलने पर मजबूर कर दिया। इस अभ्यास सत्र के दौरान उन्हें रविंद्र जडेजा ने क्लीन बोल्ड भी कर दिया।
“नेट्स में करुण नायर थोड़े कम आत्मविश्वासी नजर आए। उन्होंने अभ्यास की शुरुआत तेज़ गेंदबाज़ों के नेट से की, लेकिन जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की रफ्तार और सटीकता के सामने वह संघर्ष करते दिखे। दोनों गेंदबाज़ों ने तेज़ी और नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी की। खासकर ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों ने नायर को परेशान किया, जिससे उन्हें कई बार हिचकिचाते हुए रक्षात्मक शॉट खेलने पड़े।”
इसके बाद करुण नायर स्पिन नेट्स की ओर बढ़े, जहां उन्होंने रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव के अलावा कुछ स्थानीय यॉर्कशायर गेंदबाज़ों का सामना किया। इस दौरान नायर को दो बार आउट होते देखा गया, जिसमें एक बार वह जडेजा की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए। खुद को दबाव से निकालने की कोशिश में उन्होंने कुछ असामान्य शॉट खेलने की कोशिश की — जिनमें रिवर्स स्वीप भी शामिल था। ऐसे शॉट्स नायर जैसे बल्लेबाज़ की स्वाभाविक शैली में नहीं आते और यह साफ़ दिख रहा था कि ये शॉट्स उनके अंदर जमा हो रही झुंझलाहट का नतीजा थे।
कर्नाटक के बल्लेबाज़ करुण नायर की मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब प्रसिद्ध कृष्णा की एक गेंद सीधा उनकी पसलियों पर जा लगी। हालांकि दर्द के बावजूद नायर ने हार नहीं मानी और बल्लेबाज़ी जारी रखी।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि बल्लेबाज़ी कोच शीतांशु कोटक ने नायर को एक ओर ले जाकर उनसे संक्षिप्त बातचीत की। इस बातचीत के बाद नायर की बल्लेबाज़ी में थोड़ा सुधार देखने को मिला और उन्होंने सीधी बैटिंग करना शुरू किया।
भारतीय टीम को उम्मीद है कि यह नायर के लिए सिर्फ एक खराब दिन रहा हो, क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले मुकाबले के लिए उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। टीम का अंतिम नेट सेशन गुरुवार को इसी मैदान पर होना है।
रिपोर्ट में यह भी जोड़ा गया कि बुधवार को भारतीय गेंदबाज़ों ने लंबा बल्लेबाज़ी अभ्यास किया। कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी भी पैड पहनकर नेट्स में स्थानीय गेंदबाज़ों और अपने कुछ साथियों — जैसे नितीश कुमार रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर — का सामना करते दिखे।
1. करुण नायर की वापसी का महत्व: आठ साल बाद टीम इंडिया में नया अध्याय
करुण नायर की भारतीय टीम में वापसी सिर्फ एक खिलाड़ी की वापसी नहीं है, बल्कि यह उन तमाम घरेलू क्रिकेटरों के लिए उम्मीद की किरण है जो सालों तक प्रदर्शन के बावजूद राष्ट्रीय टीम से दूर रहते हैं। 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ ट्रिपल सेंचुरी जड़ने वाले नायर को लगातार मौके नहीं मिले और वह टीम से बाहर हो गए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और रणजी व विजय हजारे ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट्स में रनों का अंबार लगाते रहे। उनकी यह वापसी इस बात का सबूत है कि अगर आप निरंतर प्रदर्शन करते हैं, तो चयनकर्ता आपको नजरअंदाज नहीं कर सकते। एक बार फिर उनके सामने खुद को साबित करने का मौका है, और यह इंग्लैंड के खिलाफ एक कठिन सीरीज में है। आठ साल का इंतजार किसी भी खिलाड़ी के आत्मविश्वास और जुझारूपन का प्रमाण होता है। ऐसे में उनकी हर गेंद और हर शॉट पर फैंस की नजरें टिकी होंगी।
2. साई सुदर्शन बनाम करुण नायर: नंबर 3 स्थान की होड़ में कौन आगे?
भारत की टेस्ट टीम में नंबर 3 का स्थान फिलहाल चर्चा का केंद्र बना हुआ है, और इस स्थान के दो प्रमुख दावेदार हैं – करुण नायर और साई सुदर्शन। एक ओर करुण नायर हैं, जिनके पास अनुभव और घरेलू सर्किट में बेहतरीन फॉर्म है, वहीं दूसरी ओर युवा और आक्रामक साई सुदर्शन हैं, जिन्होंने हाल के मैचों में प्रभावशाली बल्लेबाज़ी की है। करुण ने इंडिया ए के लिए दोहरा शतक जड़कर चयनकर्ताओं का भरोसा जीता है, जबकि सुदर्शन ने इंडिया A और IPL में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अनुभव का भी खासा महत्व होता है, खासकर इंग्लैंड जैसे तेज़ गेंदबाज़ी-अनुकूल परिस्थितियों में। टीम मैनेजमेंट के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा, लेकिन नायर के पिछले रिकॉर्ड और तकनीकी बल्लेबाज़ी शैली को देखते हुए उन्हें थोड़ी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है।
3. हेडिंग्ले की पिच पर बल्लेबाज़ी: करुण नायर के लिए अग्निपरीक्षा
हेडिंग्ले की पिच को पारंपरिक रूप से तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अनुकूल माना जाता है। यहां स्विंग और सीम मूवमेंट दोनों का ही काफी असर रहता है, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए शुरुआत करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। करुण नायर जैसे तकनीकी बल्लेबाज़ के लिए यह पिच एक कड़ी परीक्षा साबित हो सकती है। खासकर जब जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसी भारतीय तेज़ तिकड़ी अभ्यास सत्र में ही बल्लेबाज़ों को परेशान कर रही हो, तब असली मुकाबले में विदेशी पेस अटैक का सामना करना और भी कठिन होगा। नायर को अपनी फुटवर्क, टेंपरामेंट और टाइमिंग पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि इंग्लिश परिस्थितियों में एक छोटी गलती भी विकेट ले सकती है। अगर वे यहां रन बना पाए, तो यह उनके टेस्ट करियर को नई दिशा देने वाला क्षण बन सकता है।
4. नेट्स में टीम का मनोबल: अभ्यास में दिखी गंभीरता और तैयारी का जोश
भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज़ से पहले टीम इंडिया का नेट अभ्यास सत्र काफी गंभीर और योजनाबद्ध नजर आया। खिलाड़ियों में स्पष्ट रूप से एकाग्रता और जोश दिखाई दिया। विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने बल्लेबाज़ी अभ्यास में पूरा समय बिताया, वहीं गेंदबाज़ों में जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा ने बेहद अनुशासन और तीव्रता के साथ गेंदबाज़ी की। करुण नायर जैसे वापसी कर रहे खिलाड़ी के लिए यह माहौल एक नई ऊर्जा और चुनौती लेकर आया।
टीम के कोचिंग स्टाफ ने व्यक्तिगत रूप से खिलाड़ियों को मार्गदर्शन दिया और तकनीकी बारीकियों पर काम किया गया। बल्लेबाज़ी कोच शीतांशु कोटक ने करुण नायर से अलग से बातचीत की, जिससे उनके आत्मविश्वास में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई। नेट्स में खिलाड़ियों का यह समर्पण यह दर्शाता है कि भारतीय टीम इस बार इंग्लैंड में कोई कोताही नहीं छोड़ना चाहती। अभ्यास में मिली सीख ही मैदान पर परिणाम तय करेगी।
5. पूर्व क्रिकेटरों की राय और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया: नायर की वापसी पर बंटा नजरिया
करुण नायर की वापसी पर क्रिकेट जगत में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ पूर्व खिलाड़ी जैसे अजय जडेजा और आकाश चोपड़ा ने नायर को दूसरा मौका मिलने पर खुशी जताई है। अजय जडेजा ने कहा, “नायर के पास अनुभव है और ऐसे खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट में मौके मिलने चाहिए।” वहीं कुछ अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि साई सुदर्शन जैसे युवा खिलाड़ियों को तरजीह दी जानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर भी नायर की वापसी चर्चा का विषय बनी हुई है। ट्विटर पर #KarunNair ट्रेंड कर रहा है, जहां फैन्स ने उनके ट्रिपल सेंचुरी वाले प्रदर्शन को याद करते हुए भावनात्मक पोस्ट शेयर किए हैं। वहीं कुछ ने यह भी कहा कि इतने साल बाद वापसी करना आसान नहीं होता और हर खिलाड़ी को मानसिक दबाव झेलना पड़ता है। ऐसे में फैंस की उम्मीदें और विशेषज्ञों की राय मिलकर नायर पर प्रदर्शन का भारी दबाव बना रही हैं।
6. करुण नायर की पिछली उपलब्धियां: ट्रिपल सेंचुरी से उम्मीदों की उड़ान
जब भी करुण नायर का नाम लिया जाता है, 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ उनकी ऐतिहासिक ट्रिपल सेंचुरी ज़रूर याद आती है। सिर्फ तीसरे टेस्ट मैच में ही उन्होंने 303 रनों की नाबाद पारी खेलकर खुद को टेस्ट क्रिकेट में एक बड़ा नाम बना लिया था। वह भारत के केवल दूसरे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाया है — वीरेंद्र सहवाग के बाद।
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हालांकि, इसके बावजूद उन्हें लगातार मौके नहीं मिले और वो धीरे-धीरे टीम से बाहर हो गए। इस ट्रिपल सेंचुरी के बाद उनके करियर में गिरावट आई, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। घरेलू क्रिकेट में उनके रनों की भूख कम नहीं हुई और यही जज़्बा उन्हें एक बार फिर टीम इंडिया तक लेकर आया है। अब जब उन्हें दोबारा मौका मिला है, तो पूरे देश को उनसे फिर से वैसा ही करिश्मा देखने की उम्मीद है। अगर नायर इस मौके को भुना लेते हैं, तो यह वापसी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की सबसे प्रेरणादायक कहानियों में से एक बन जाएगी।